नई सियासी करवट: उद्धव ठाकरे की हलचल से महाराष्ट्र में गरमा गई राजनीति


मुंबई, 17 जुलाई 2025 – महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गरमाने लगी है, और इस बार सुर्खियों में हैं शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे। बीते कुछ दिनों में उन्होंने एक के बाद एक ऐसे कदम उठाए हैं, जिन्होंने न केवल विरोधियों को सतर्क कर दिया है, बल्कि सहयोगी दलों के बीच भी हलचल मचा दी है।


🧾 देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात: क्या फिर होगी पुरानी दोस्ती?

उद्धव ठाकरे ने हाल ही में विधानसभा परिषद में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। यह मुलाकात उस वक्त चर्चा का विषय बन गई जब फडणवीस ने मजाकिया लहजे में कहा –
"2029 के बाद अगर चाहो तो सत्ता में हमारे साथ आ सकते हो।”
इस मुलाकात के दौरान उद्धव ठाकरे ने शिक्षा नीति को लेकर एक पुस्तिका भी फडणवीस को सौंपी, जिसमें नई त्रिभाषा नीति का विरोध दर्ज किया गया है। राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात को सियासी समीकरणों में संभावित बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।


🔥 शिंदे का प्रहार: उद्धव और राज ठाकरे दोनों पर हमला

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में एक तीखा भाषण देते हुए उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे दोनों को निशाने पर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीएमसी कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हुआ है और आने वाले समय में और भी खुलासे होंगे।
इससे यह स्पष्ट हो गया है कि शिवसेना के दोनों गुटों के बीच तनाव और गहराता जा रहा है।


🤝 INDIA गठबंधन की सक्रियता: उद्धव की पहल

उद्धव ठाकरे ने विपक्षी INDIA गठबंधन से मांग की है कि बिहार विधानसभा चुनाव और महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले एक अहम बैठक बुलाई जाए। उनका इशारा स्पष्ट है – विपक्ष को एकजुट होकर आगे की रणनीति बनानी चाहिए।
हालांकि, उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ किसी गठबंधन की बात नहीं कही, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस संभावना पर चर्चा तेज है।


🛡️ विशेष सुरक्षा विधेयक पर विरोध

राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक का उद्धव ठाकरे ने विरोध किया है। उनके अनुसार यह कानून नागरिक अधिकारों का हनन कर सकता है और सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति को दर्शाता है।
बीजेपी ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह विधेयक नक्सलवाद जैसी आंतरिक चुनौतियों से निपटने के लिए जरूरी है।


📊 राजनीतिक विश्लेषण: क्या संकेत मिल रहे हैं?

  • भविष्य की राजनीति का संकेत: उद्धव ठाकरे का फडणवीस से मिलना केवल सौजन्य नहीं माना जा रहा। यह संभावित गठजोड़ या फिर दबाव की राजनीति भी हो सकती है।

  • शिवसेना की अंतर्कलह: शिंदे और ठाकरे खेमों की जंग और तेज होती जा रही है। 2024 लोकसभा चुनाव के बाद उद्धव गुट नए सिरे से खुद को पुनः स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।

  • INDIA गठबंधन की रणनीति: विपक्षी एकता की अगली कड़ी बिहार चुनाव हो सकती है, जिसकी कमान उद्धव जैसे नेताओं को दी जा सकती है।


🔚 निष्कर्ष

महाराष्ट्र की राजनीति फिर एक बार ‘सस्पेंस थ्रिलर’ मोड में है। उद्धव ठाकरे की फडणवीस से मुलाकात, शिंदे के तीखे हमले और विपक्षी एकता की कवायद – ये सब आने वाले चुनावों और गठबंधनों की जमीन तैयार कर रहे हैं। जनता को फिलहाल इंतज़ार है कि यह राजनीतिक शतरंज किस चाल पर जाकर ठहरेगी।


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