17 साल बाद फैसला आज: 2008 मालेगांव ब्लास्ट केस में कोर्ट सुनाएगा बड़ा फैसला, साध्वी प्रज्ञा और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित समेत 7 आरोपी
मुंबई: आज यानी 31 जुलाई 2025 को मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत 2008 मालेगांव ब्लास्ट केस में अपना फैसला सुनाने जा रही है। यह मामला 17 साल पुराना है, जब 29 सितंबर 2008 को मालेगांव के भीकू चौक पर हुए बम धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।
🔎 मुख्य आरोपी:
इस केस में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (भाजपा सांसद), लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय सहित कुल 7 आरोपी हैं। इन सभी पर UAPA, भारतीय दंड संहिता, और विस्फोटक अधिनियम के तहत गंभीर आरोप लगे हैं।
⚖️ अदालत की प्रक्रिया:
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केस की सुनवाई 2018 में शुरू हुई थी।
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323 गवाहों की गवाही हुई, जिनमें से करीब 39 गवाह मुकर गए।
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अभियोजन ने हजारों दस्तावेज़ी सबूत, कॉल डेटा रिकॉर्ड्स और वॉइस सैंपल जैसे तकनीकी साक्ष्य अदालत में पेश किए।
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19 अप्रैल 2025 को अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे आज सुनाया जाएगा।
🕵️♀️ जांच एजेंसियों की भूमिका:
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पहले इस केस की जांच महाराष्ट्र ATS ने की थी, लेकिन बाद में कई गड़बड़ियों के आरोप लगे।
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2011 में केस NIA को सौंपा गया।
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2016 में एनआईए ने कहा कि ATS की जांच में गम्भीर खामियां थीं, कई कबूलनामे जबरन लिए गए थे और कुछ सबूत गढ़े गए थे। इसी आधार पर MCOCA की धाराएं हटा दी गईं।
📌 संभावित परिणाम:
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अगर आरोपियों को बरी किया जाता है, तो यह मामला लगभग खत्म माना जाएगा।
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लेकिन अगर दोष सिद्ध होते हैं, तो सभी आरोपियों को लंबे समय तक सजा हो सकती है, जिसमें प्रज्ञा ठाकुर और कर्नल पुरोहित भी शामिल होंगे।
⏰ फैसले का समय:
अदालत का फैसला आज सुबह 11 बजे आने की संभावना है। पूरे देश की नजर इस केस पर टिकी हुई है क्योंकि यह न सिर्फ एक आतंकी हमले का मामला है, बल्कि इससे कई राजनीतिक और सामाजिक विवाद भी जुड़े हुए हैं।
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